Thursday 8 September 2011

हो रहा भारत निर्माण..(कहाँ भइया ,कहाँ हुआ है भारत निर्माण .) by Nishchhal Srivastav on Saturday, September 3, 2011 at 2:06pm दिल में उठा था एक अरमान


हो रहा भारत निर्माण..(कहाँ भइया ,कहाँ हुआ है भारत निर्माण .)

by Nishchhal Srivastav on Saturday, September 3, 2011 at 2:06pm
दिल में उठा था एक अरमान
सबसे हसीं हो हिंदुस्तान .
तरक्की की जो राह चुनी ,
उसे नाम दिया भारत निर्माण.

हो रहा भारत निर्माण
हो चूका भारत निर्माण ..

किधर भैया ,कहाँ हुआ है भारत निर्माण ?

मनन किजिये और जवाब दीजिये.

१- गरीबी रेखा के निचे जीने वालों की संख्या ५ करोड़ और बढ़ गई पिछले कुछ वर्षों मेंऔर वो भी सरकारी आंकड़ों के हिसाब से .सरकारी आंकड़ों का खेल तो परम गूढ़ है..(हो रहा भारत निर्माण)

२-देश में विदेशी कंपनियों का आगमन पहले की तुलना मे १६३ % बढ़ा है.(हो रहा भारत निर्माण)

३-घोटालों की संख्या जल्द ही चाइना की जनसँख्या को भी  पार कर देगी..(हो रहा भारत निर्माण)

४- भारत की सभी सीमायीं बेहद असुरक्षित हैं .एक रक्षा समझौते के हिसाब से ४ साल पहले भारत fighter planes खरीदने वाला था  जिनकी मारक क्षमता सबसे अधिक होगी मगर वो रक्षा समझौता आज तक अधर में लटका है..(रक्षा विशेषज्ञ पार्थसारथी के interview में ये रहस्योद्घाटन हुआ)  (हो रहा भारत निर्माण)

५-भ्रष्टाचार में भारत का स्थान ८४ वे पायदान से फिसल कर ८७ वे स्थान पर है और asia का 4th सबसे corrupt  देश है  भारत/ (हो रहा भारत निर्माण)

६-सरकारी विद्यालयों का हाल देख कर रोना आ जाता है. साक्षर दर में वृद्धि हुई है और वो बढ़कर ७४% हुई है.(हो रहा भारत निर्माण)

7-अपराध दर में अभूतपूर्व वृद्धि दर भारत निर्माण को आधार प्रदान करता है .पूरे ५७ लाख  crime हुए हैं कोर्ट की नजर मेंपिछले ८ साल में  .असल में कितने हुए हैं पता नही.उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और delhi सरीखे राज्यों में बलात्कार की बाढ़ आ गई है.rape cases की संख्या में २००६ के बाद से २६१ % की वृद्धि  हुई है.(हो रहा भारत निर्माण)

८-भारत के कुछ क्षेत्रों में हिन्दुओं को जीवित रहने के लिए जजिया देना पड़ रहा है.(हो रहा भारत निर्माण)

९- भारत में  अमीरों की संख्या १५०००० है जो १२५ करोड़ का कितना प्रतिशत है ये आप आंकलन कीजिये ,और इन १५०००० लोग के पास पूरी भारत की संपत्ति का ८७% भाग है..(हो रहा भारत निर्माण)

१०- प्रति व्यक्ति आय ४६४९२ रुपये प्रति वर्ष हैं.यानि मासिक ४००० रुपये से भी कम.६५% आबादी ऐसी है जिसकी प्रतिनदिन की आय १ $ से कम है..(हो रहा भारत निर्माण)

 अभी ऐसे जाने कितने आंकड़े हैं जो अचंभित कर देगे और सोचने पर मजबूर कर देगे ..सोचिये और कुछ करिए.आवाज उठाइए .आत्म संतुष्टीकरण कहीं का नही छोड़ेगा मुझे भी और आप सबको भी..

''आचार्य चाणक्य'' ने कहा था कि'' भारत को ज्यादा खतरा विदेशी आतताइयों   से नही बल्कि स्वार्थ परक संतुष्टिपरक और भावशून्य हिन्दुस्तानियों से ज्यादा है..''

 उठो जागो और लक्ष्य तक पहुचे बिना रुका मत--''स्वामी विवेकानंद जी''

जय हिंद जय हिंदुत्व जय भारत
वन्दे मातरम

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