Monday 27 June 2011

SANSKRITI PAR HAMLA

मेकोले के वंशज से सनातनी रहे सावधान :
2 फरवरी 1935 को लॉर्ड मेकोले ने ब्रिटिश संसद को क्या संबोधित किया ?

"मैंने पूरे भारत की यात्रा की मुझे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जो भिखारी, या चोर हो इस देश मे इतनी समृद्धि इतने ऊंचे जीवन मूल्य, इतने गुणी लोग मैंने देखें की मैं नहीं सोचता की जब तक हम इस देश की रीढ़ इस देश की आध्यात्मिकता, इसकी संस्कृति को तोड़ नहीं देते कभी इस देश को जीत न पाएंगे इसलिए मैं प्रस्ताव देता हूँ की हम इसकी प्राचीन शिक्षा पद्धति और संस्कृति को विस्थापित करें ताकि जब भारतीय यह सोचने लगे की जो भी विदेशी और अंग्रेजी है वह उनसे श्रेष्ठ है, तभी वे अपना आत्मसम्मान, स्वाभिमान और संस्कृति खो देंगे, और हम जैसा चाहते है वैसे ही हो जाएँगे पूरी तरह से भारत हमारा गुलाम हो जाएगा !

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